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3 Most Mysterious Places In India | भारत की तीन रहस्यमय जगहें

  3 Most Mysterious Places In India Do you wish to know the  most mysterious places in India ? Seldom is a country found with such a wide variety of places that wreak feelings of wonder and amusement. From towns to temples and hills, only your imagination can run wild about these supreme and unique destinations. On that note, here is a list of some of the best mysterious places to visit in India that will take your breath away! Take a look for your next trip. 1. The Hanging Pillar At Lepakshi, Andhra Pradesh An important archaeological and historical site in India, Lepakshi is known for its architecture and painting. This temple dedicated to Lord Shiva is among the most mysterious places in India, owing to its famous  floating pillar . The Mystery:  Among the 70 pillars at the site, one is hanging in mid-air, that is, it exists without a support. People come to the temple and pass objects under the pillar, believing it’ll bring prosperity into the...

एक ऐसा अद्भुत मंदिर जहाँ नहीं होती है पुजा | आखिर क्या रहस्य है?

  जो कहीं नहीं होता वह काशी में सचल होता है। जो कहीं नहीं दिखता वह काशी में साक्षात नजर आता है। औघड़दानी भगवान शिव और उनकी प्रिय नगरी काशी दोनों ही निराली है। केदारखंड में तिल-तिल बढ़ते बाबा तिलभांडेश्वर विराजमान हैं तो विशेश्वर खंड में अंश-अंश झुकता रत्नेश्वर महादेव का मंदिर है। सावन के महीने में भी रत्नेश्वर महादेव मंदिर में ना तो बोल बम के नारे गूंजते हैं और ना ही घंटा घड़ियाल की आवाज सुनाई देती है। महाश्मशान के पास बसा करीब तीन सौ बरस पुराना यह दुर्लभ मंदिर आज भी लोगों के लिए आश्चर्य ही है। मणिकर्णिका घाट के पास दत्तात्रेय घाट पर स्थित ऐतिहासिक शिव मंदिर रत्नेश्वर महादेव तीन सौ सालों से अधिक का इतिहास समेटे हुए हैं। स्थानीय लोगों की मानें तो यह मंदिर श्रापित होने के कारण ना ही कोई भक्त यहां पूजा करता और ना ही मंदिर में विराजमान भगवान शिव को जल चढ़ाता है। आसपास के लोगों का कहना है की यदि मंदिर में पूजा की तो घर में अनिष्ट होना शुरू हो जाता है। प्राचीन रत्नेश्वर महादेव का मंदिर लगभग तीन सौ साल से एक तरफ झुका हुआ है। लोग इस मंदिर की तुलना पीसा की मीनार से भी करते हैं।  इस मंद...

अजीबोगरीब गाँव जहाँ पैदा होते हैं जुड़वां बच्चे| Mystery of twin in Kohindi village

 दुनिया में कई अजीबो-गरीब घटनाएं घटित होती हैं, जो देश-विदेश में खूब सुर्खियां बटोरती हैं। ये घटनाएं इतनी विचित्र होती हैं कि सुनने के बाद भी इन पर विश्वास नहीं होता है। इसी कड़ी में आज हम बात करने वाले हैं एक ऐसी जगह के बारे में जहां पर ज्यादातर बच्चे जुड़वां ही पैदा होते हैं। ये जगह भारत के केरल राज्य में मलप्पुरम जिले के कोडिन्ही गांव में स्थित है। गांव के इस अनोखेपन की चर्चा पिछले लंबे समय से देश दुनिया में की जा रही है। अक्सर कई लोग यहां के जुड़वां लोगों को देखने के लिए दूर दूर से इस गांव में आते हैं। गांव के अधिकांश परिवारों के भीतर जुड़वां बच्चे ही जन्म लेते हैं। आखिर गांव में इतने सारे जुड़वां बच्चे क्यों पैदा होते हैं? इस बात की पड़ताल करने के लिए कई बार वैज्ञानिकों का दल गांव में आया, लेकिन वे इस रहस्य से पर्दा नहीं उठा पाए। इसी कड़ी में आइए जानते हैं इस रहस्यमय गांव के बारे में यहां के स्थानीय लोगों का कहना है कि इस गांव के ऊपर ईश्वर की एक विशेष कृपा है, जिसके चलते अधिकतर बच्चे जुड़वां जन्म लेते हैं। आपको बता दें कि पिछले 50 सालों के दौरान इस गांव में करीब 300 से भी ज्या...

Top 1000 Mysterious Places in India Bhangarh the haunted place I'm rajasthan

  BHANGARH FORT Nestled amid the green hills of Aravallis, stands the magnificent fort of Bhangarh. The fort of Bhangarh is located 50 kilometers from the Sariska Sanctuary between the city of Jaipur and Alwar. The fort was constructed in the 17th century by Raja Madho Singh, the younger brother of the great Mughal general, Man Singh of Amber. Besides the royal palace, Bhangarh had over 9,000 houses until 1720 after which it gradually diminished in population. The Bhangarh fort along with the whole township was protected by three successive fortifications and five massive gates. The fort houses remnants of grand havelis, temples and deserted marketplaces within its premises, indicating the fort’s prosperity in its heydays. Thought to be a haunted place, Bhangarh fort nevertheless attracts hordes of tourists owing to its serene atmosphere, picturesque Aravalli Mountains and the architectural marvel that it is. THE FORT AND ITS PREMISES Inside the Bhangarh fort premises, one can f...

The skeleton lake in himalayas. हिमालय में स्थित हड्डियों की झील|

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 सोचिए आप पहाड़ों के बीच किसी सुंदर झील घूमने के लिए गए हैं और अचानक आपको वहां पर कई सारे नर कंकाल दिख जाएं तो क्या करेंगे आप? हिमालय की रूपकुंड झील की कहानी कुछ ऐसी ही है। साल 1942 में यहां पर ब्रिटिश के फॉरेस्ट गार्ड को सैकड़ों नर कंकाल मिले थे। इस दौरान झील पूरी तरह मानवों के कंकाल और हड्डियों से भरी थी।   इतने सारे कंकालों और हड्डियों को देख ऐसा आभास होता था कि शायद पहले यहां पर जरूर कुछ न कुछ बहुत बुरा हुआ था। शुरुआत में इसे देख कई लोगों ने यह कयास लगाया कि हो न हो यह सभी नर कंकाल जापानी सैनिकों के होंगे, जो द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान भारत में ब्रिटेन पर आक्रमण करने के लिए हिमालय के रास्ते घुसते वक्त मर गए होंगे। उस वक्त जापानी आक्रमण के भय से ब्रिटिश सरकार ने फौरन इन नर कंकालों की जांच के लिए एक वैज्ञानिकों की टीम को बुलाया। जांच के बाद पता चला कि ये कंकाल जापानी सैनिकों के नहीं थे, बल्कि ये नर कंकाल तो और भी ज्यादा पुराने हैं। इसके बाद समय समय पर इन कंकालों का परीक्षण होता रहा। इन परीक्षणों के आधार पर वैज्ञानिकों के मत अलग-अलग सामने निकलकर आए। कई वैज्ञानिकों का कहना ...

भारत का ऐसा जगह जहाँ पंछियां खुद करते हैं आत्म हत्या॥

 पूर्वोत्तर के सबसे बड़े राज्य असम में इन दिनों विधानसभा चुनाव की सरगर्मियां काफी बढ़ गई हैं। इस राज्य में हो रहे विधानसभा चुनाव में कई प्रमुख उम्मीदवारों की किस्मत दांव पर लगी है। चुनाव के वजह से असम इन दिनों काफी सुर्खियों में है। ढेर सारी खासियतों वाले इस राज्य की कई बातें काफी रहस्यमय भी हैं। आपको ये जानकर हैरानी होगी कि असम में एक ऐसी जगह है, जहां हजारों पक्षी आत्महत्या कर लेते हैं। दरअसल, असम के दिमा हासो जिले की पहाड़ी में स्थित जतिंगा घाटी पक्षियों का सुसाइड पॉइंट के तौर पर काफी मशहूर है। हर साल सितंबर महीने में जतिंगा गांव पक्षियों की आत्महत्या के कारण सुर्खियों में आ जाता है। इस जगह पर ना केवल स्थानीय पक्षी बल्कि प्रवासी पक्षी भी पहुंच कर सुसाइड कर लेते हैं। इस वजह से जतिंगा गांव काफी रहस्यमय माना जाता है। आत्महत्या करने की प्रवृत्ति, तो इंसानों में आम है, लेकिन पक्षियों के मामले में ये बात एकदम अलग हो जाती है। जतिंगा गांव में पक्षी तेजी से उड़ते हुए किसी इमारत या पेड़ से टकरा जाते हैं, जिससे उनकी मौत हो जाती है। ऐसा इक्का-दुक्का नहीं, बल्कि हजारों पक्षियों के साथ होता है। ...

राय दुर्ग किला का सम्पूर्ण इतिहास और विषेशताएं Mystery and historyof Raydurga Fort. (In hindi)

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  राय दुर्ग किला रायदुर्गम या रायदुर्ग किला या "राजा का पहाड़ी किला" भारतीय प्रांत आंध्र प्रदेश के अनंतपुर जिले के रायदुर्गम शहर में बना एक मध्यकालीन किला है। यह रायदुर्गम बस स्टेशन से लगभग 2 किमी और अनंतपुर से 99 किमी की दूरी पर स्थित है। रायदुर्गम किला आंध्र प्रदेश के सबसे पुराने किलों में से एक है और इसे 2727 फीट की ऊंचाई पर बनाया गया था। इस किले तक परिवहन के सभी साधनों के माध्यम से पहुँचा जा सकता है। रायदुर्गम का किला शहर के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है। इतिहास रायदुर्ग किले ने विजयनगर साम्राज्य के पूरे इतिहास में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यह किला आंतरिक किलों की कई परतों से बना है जो इसे हमलावर दुश्मनों के लिए दुर्गम बना देता है। इतिहासकारों के अनुसार, विजयनगर किंग्स के प्रमुख जुंगा नायक ने रायदुर्गम के किले की स्थापना की थी। किले को बाद में टीपू सुल्तान ने जीत लिया और गूटी प्रांत में मिला लिया। भुगोल पहाड़ी पर, जिसके नीचे रायदुर्ग टाउन बना हुआ है, किलेबंदी के मलबे को अभी भी देखा जा सकता है। किले की दीवार का एक हिस्सा गिर गया है। लेकिन अधिकांश किले अभी भी ...

जम्मू कश्मीर में स्थित हरि पर्वत किला का इतिहास और सम्पूर्ण जानकारी|History of Hari Parvat fort situated in jammu kashmir in hindi.

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  हरि पर्वत किला संक्षिप्त जानकारी स्थान श्रीनगर, जम्मू-कश्मीर (भारत) निर्मित 18वीं शताब्दी निर्माता (किसने बनवाया) अफ़गानी गवर्नर मुहम्मद ख़ान वास्तुकला मुगल शैली प्रकार किला पुनः निर्माण (निर्माणकर्ता) मुगल सम्राट अकबर वर्तमान स्वामित्व जम्मू-कश्मीर पुरातत्व विभाग हरि पर्वत किला का संक्षिप्त विवरण हरि पर्वत किला भारत के जम्मू-कश्मीर राज्य की राजधानी श्रीनगर में स्थित है। हरि पर्वत किला एक प्रतिष्ठित स्थल है, जो श्रीनगर के शारदा हिल की चोटी से आसानी से देखा जा सकता है। इस किले का निर्माण एक अफ़गान गवर्नर मुहम्मद ख़ान द्वारा 18 वीं शताब्दी में कराया गया था। परंतु किले के कुछ भागों का निर्माण मुगल सम्राट अकबर द्वारा भी कराया गया था। इसलिए यहाँ मुगलकालीन वास्तुकला को भी देखा जा सकता है। One word हरि पर्वत किला का इतिहास हरि पर्वत किले का निर्माण एक अफ़गानी गवर्नर मुहम्मद ख़ान द्वारा 18 शताब्दी में करवाया गया था, उसके बाद किले के कुछ भागों का निर्माण 1590 ई॰ में मुगल सम्राट अकबर ने करवाया था। जिसमें किले की चहारदीवारी का निर्माण भी शामिल था। पहले ये किला चारों तरफ से खुला हुआ था, परंत...